अमेज़न की छंटनी पर भड़के गुरमीत चड्ढा, बोले- ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नाम पर नौकरियां लेना गलत’

अमेज़न द्वारा हाल ही में की गई छंटनी को लेकर Complete Circle के CIO गुरमीत चड्ढा ने गहरी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि अमेज़न जैसी कंपनियां छंटनी को ‘कॉर्पोरेट जार्गन’ और ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ के नाम पर सही ठहराती हैं।

अमेज़न में छंटनी का सिलसिला जारी

गुरमीत चड्ढा ने अपने पोस्ट में लिखा, “अमेज़न ने नवंबर में 18,000 कर्मचारियों की छंटनी के बाद अब 10,000 और लोगों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। ये कंपनियां अपने एचआर हेड्स को ‘People Experience Head’, ‘Chief People Officer’ जैसे आकर्षक नाम देती हैं और कर्मचारियों को ‘परिवार’ कहती हैं… सब नाटक है!!”

उन्होंने छंटनी के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि नवाचार (Innovation) की कीमत लोगों की आजीविका से नहीं चुकाई जानी चाहिए। उन्होंने लिखा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) या कोई भी तकनीकी नवाचार जो अपने ही लोगों को संकट में डालता है, वह निरर्थक है।”

‘सरबत दा भला’ का उल्लेख

गुरमीत चड्ढा ने गुरु नानक देव जी की शिक्षा का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी भी नवाचार का मूल उद्देश्य लोगों का भला होना चाहिए। उन्होंने लिखा, “मुझे पुरानी सोच वाला कह सकते हैं, लेकिन मैं लोगों को सबसे ज्यादा महत्व देता हूं। जैसा कि गुरु नानक देव जी ने कहा था, ‘सरबत दा भला’ (सभी का कल्याण) ही किसी भी नवाचार का केंद्र होना चाहिए।”

अमेज़न के CEO का पक्ष

गुरमीत चड्ढा की यह टिप्पणी अमेज़न के CEO एंडी जैसी के पुनर्गठन प्रयासों के बीच आई है। जैसी ने कंपनी में मध्य-स्तरीय प्रबंधन (Middle Management) को कम करने और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए आक्रामक कदम उठाए हैं। जैसी ने 2025 की पहली तिमाही तक मध्य प्रबंधन में 15% की कटौती का लक्ष्य रखा था, लेकिन कंपनी ने पहले ही इस लक्ष्य को पार कर लिया है।

ब्लूमबर्ग को दिए एक साक्षात्कार में जैसी ने कहा, “जब आप बहुत सारे कर्मचारियों को जोड़ते हैं, तो मध्य-स्तरीय प्रबंधकों की संख्या बढ़ जाती है। ये सभी प्रबंधक अपनी छाप छोड़ना चाहते हैं, जिससे निर्णय प्रक्रिया धीमी हो जाती है।”

‘प्रि-मीटिंग’ संस्कृति पर टिप्पणी

जैसी ने कॉर्पोरेट कंपनियों में अधिक बैठकों (Meetings) की संस्कृति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “कई बार लोग प्री-मीटिंग में भाग लेते हैं, जो कि मुख्य निर्णय बैठक से पहले की तैयारी मात्र होती है।”

Gen Z कर्मचारियों का समर्थन

दिलचस्प बात यह है कि अमेज़न का प्रबंधन को सीमित करने का निर्णय युवा कर्मचारियों, विशेषकर Gen Z को पसंद आ रहा है। रॉबर्ट वॉल्टर्स (Robert Walters) के एक सर्वे के अनुसार, 52% Gen Z कर्मचारी मध्य-प्रबंधन भूमिकाओं से बचना चाहते हैं, जबकि 72% कर्मचारी बिना किसी प्रबंधन जिम्मेदारी के करियर में उन्नति चाहते हैं।

ऑफिस में वापसी नीति पर विवाद

अमेज़न की ‘रिटर्न टू ऑफिस’ (Return-to-Office) नीति कर्मचारियों के बीच असंतोष का कारण बनी हुई है। अमेज़न ने सभी कर्मचारियों को सप्ताह में पांच दिन कार्यालय से काम करने का निर्देश दिया है। AWS के CEO मैट गार्मन का मानना है कि वास्तविक नवाचार (Innovation) को दूरस्थ कार्य (Remote Work) के माध्यम से प्राप्त करना कठिन है। इस नीति के चलते कई कर्मचारियों ने विरोध स्वरूप ‘Rage Apply’ (नाराजगी में नई नौकरियों के लिए आवेदन) करना शुरू कर दिया है। कुछ कर्मचारियों ने अमेज़न नेतृत्व को पत्र लिखकर भी अपनी नाराजगी जताई है।

क्या अमेज़न को बदलने की जरूरत?

गुरमीत चड्ढा और अन्य विशेषज्ञों की नाराजगी यह दर्शाती है कि कॉर्पोरेट जगत में बड़े स्तर पर छंटनी से कर्मचारियों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। सवाल यह उठता है कि क्या अमेज़न को अपने कर्मचारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है? या फिर यह कॉर्पोरेट जगत में सफलता पाने का नया मॉडल बन चुका है?