गाजा पर इजरायल का भीषण हमला: सीजफायर वार्ता के बीच क्यों भड़का संघर्ष?

गाजा पट्टी में एक बार फिर तबाही का मंजर देखने को मिला है। जब युद्धविराम पर अंतिम चरण की वार्ता चल रही थी, तब इजरायल ने अचानक बड़ा हमला कर दिया। इस हमले में 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। सवाल उठता है कि जब शांति वार्ता अंतिम दौर में थी, तो इजरायल ने इतना आक्रामक रुख क्यों अपनाया?

हमास ने क्यों बढ़ाया तनाव?

यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) को हमास द्वारा बंधकों की रिहाई पर समझौते से इनकार की जानकारी कुछ घंटे पहले ही मिली थी। बातचीत में शामिल मध्यस्थों ने बताया कि हमास ने समझौते पर सहमति नहीं जताई। हमास के डि फैक्टो नेता मोहम्मद सिनवार ने इस समझौते में अड़ंगा डाल दिया और अमेरिकी प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।

अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने कतर में एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसके तहत हमास को 5 जीवित बंधकों और मारे गए बंधकों के शव लौटाने के बदले कुछ हफ्तों के लिए सीजफायर की पेशकश की गई थी। हमास ने घोषणा की थी कि वह अमेरिकी नागरिकता वाले IDF सैनिक एडन एलेक्जेंडर को रिहा करने और 4 अन्य बंधकों के शव लौटाने को तैयार है, लेकिन यह प्रस्ताव ट्रंप प्रशासन को स्वीकार्य नहीं था।

कैसे हुई हमले की योजना?

सोमवार देर रात इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज और IDF प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जामिर की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें सुरक्षा एजेंसी शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार भी शामिल थे। बैठक में यह तय हुआ कि जब तक हमास समझौते के लिए तैयार नहीं होता, तब तक सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी।

सूत्रों के अनुसार, शिन बेट प्रमुख रोनेन बार ने सुझाव दिया कि हमले के जरिए दबाव बढ़ाया जाए ताकि अमेरिका मध्यस्थों पर और मध्यस्थ हमास पर दबाव डालें। एक अधिकारी ने साफ कहा, “हर कुछ दिनों में हमारी प्रतिक्रिया और तेज होगी। हमास को समझना होगा कि समझौते से भागने का कोई विकल्प नहीं है।”

अमेरिका की प्रतिक्रिया

यूएस नेशनल काउंसिल के प्रवक्ता ब्रायन ह्यू ने कहा, “हमास के पास बंधकों को रिहा करके सीजफायर बढ़ाने का मौका था, लेकिन उसने इनकार कर युद्ध का रास्ता चुना।” रणनीतिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर ने विटकॉफ को सैन्य हमलों के बारे में पहले ही जानकारी दे दी थी।

भारत में इजरायली राजदूत का बयान

भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने मंगलवार को कहा कि हमास ने इजरायल को सैन्य कार्रवाई फिर से शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा। एसोसिएटेड प्रेस (AP) के मुताबिक, इजरायल ने मंगलवार को गाजा पट्टी में कई हवाई हमले किए, जो जनवरी में लागू संघर्षविराम के बाद से हमास पर सबसे बड़े हमले माने जा रहे हैं।

क्या होगा आगे?

विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल अब अमेरिका और अन्य मध्यस्थ देशों पर दबाव बढ़ाकर हमास को समझौते के लिए मजबूर करना चाहता है। यह हमला इजरायल की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह यह साफ संदेश देना चाहता है कि वह हमास की मनमानी को सहन नहीं करेगा।

स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है। दोनों पक्ष अपने रुख पर अड़े हैं, जिससे आने वाले दिनों में संघर्ष और भी तेज हो सकता है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि अमेरिका और अन्य मध्यस्थ देश इस तनाव को कम करने में क्या भूमिका निभाते हैं।